मुक्ता गिरी : जैन सिद्धक्षेत्र
मुक्ता गिरी : दिगंबर जैनियों का सिद्धक्षेत्र भारत के मध्य में, महाराष्ट्र तथा मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित है 'मुक्ता गिरी'। मुक्ता गिरी मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में आता है। सतपुड़ा पर्वत की श्रृंखला...
View Articleकेदारनाथ : मृत्युलोक में झाँकने का झरोखा
युग-युगांतर से उत्तराखंड भारतीयों के लिए आध्यात्मिक शरणस्थल और शांति प्रदाता रहा है। प्रागैतिहासिक काल से ऋषि-मुनियों और साधक, परिव्राजकों को यह
View Articleवैष्णो देवी : धार्मिक नहीं, आस्था की यात्रा
यह कोई धार्मिक नहीं बल्कि अविचल, स्थिर आस्था की यात्रा है जिसमें लोग मंदिरों की नगरी के नाम से प्रसिद्ध जम्मू शहर के उत्तर-पूर्व में 70 किमी की दूरी तय करके पवित्र त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित वैष्णो...
View Articleउत्तराखंड का प्रसिद्ध अनसूया मंदिर
उत्तराखंड के चमोली जिले में मंडल से करीब छह किलोमीटर ऊपर ऊंचे पहाड़ों पर प्रसिद्ध अनसूया मंदिर स्थित है। जहां प्रतिवर्ष दत्तात्रेय जयंती समारोह मनाया जाता है। इस जयंती में पूरे राज्य से हजारों की...
View Articleशनिदेव के चमत्कारिक सिद्ध पीठ
भारत भर में शनिदेव के कई पीठ है किंतु तीन ही प्राचीन और चमत्कारिक पीठ है, जिनका बहुत महत्व है। उक्त तीन पीठ पर जाकर ही पापों की क्षमा मांगी जा सकती है। जनश्रुति है कि उक्त स्थान पर जाकर ही लोग शनि के...
View Article12 ज्योतिर्लिंग : एक परिचय
देश के 12 विभिन्न स्थानों पर स्थित शिव के 12 ज्योतिर्लिंग भी हमारी राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में सहायक सिद्ध हुए हैं। इन ज्योतिर्लिंगों की यात्रा से हमें हमारे विशाल देश की एक झलक देखने का अवसर मिलता...
View Articleशनि देव के प्राचीन एवं चमत्कारिक सिद्धपीठ
भारतभर में शनि देव के कई पीठ है किंतु तीन ही प्राचीन और चमत्कारिक पीठ है, जिनका बहुत महत्व है। उक्त तीन पीठ पर जाकर ही पापों की क्षमा मां गी जा सकती है। जनश्रुति है कि उक्त स्थान पर जाकर ही लोग शनि के...
View Articleकैलाश-मानसरोवर यात्रा
कैलाश मान सरोवर का नाम सुनते ही हर किसी का मन वहाँ जाने को बेताब हो जाता है। हमारे 34 सदस्यों के दल ने भी जब इस यात्रा पर जाने की ठानी तो प्रत्येक सदस्य उत्साहित हो कर
View Articleअद्भुत शिल्प सौंदर्य से भरपूर भुवनेश्वर
भुवनेश्वर अत्यंत प्राचीन नगर है और वर्तमान में उड़ीसा की राजधानी है। भुवनेश्वर अर्थात 'देवताओं का घर'। भुवनेश्वर में अर्वाचीन तथा प्राचीन दोनों संस्कृतियों का संगम है। पुरी से भुवनेश्वर 60 किमी दूरी पर...
View Articleजानिए बौद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थस्थल
जानिए भगवान बुद्ध के अनुयायियों के लिए बनाए गए मुख्य तीर्थस्थल।
View Articleकिंवदंतियों से घिरा कामाख्या देवी मंदिर
सती के आत्मदाह के बाद विरक्त शिव जब समाधि में चले गए, तब मौका पाकर तारकासुर नामक दैत्य ने ब्रह्मा की तपस्या न कर केवल असीम शक्तियां प्राप्त कर लीं, वरन् तीनों लोकों में अन्याय और अत्याचार का वह...
View Articleदेखिए मदुराई के मीनाक्षी मंदिर की अद्भुत छटा
तमिलनाडु के मदुराई में स्थित मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मंदिर स्थापत्य एवं वास्तुकला की दृष्टि से आधुनिक विश्व के आश्चर्यों में गिना जाता है। यह मंदिर भगवान सुन्दरेश्वर (शिव) की भार्या जिनकी आंखें मछली की...
View Articleअब तक नहीं मिला 'पचनदा' को धार्मिक महत्व
गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों की संगम स्थली प्रयाग की महिमा तो विश्व प्रसिद्ध है, मगर पांच नदियों के संगम का स्थान तातरपुर विश्व पर्यटन के मानचित्र में खुद को स्थापित कराने के लिए छटपटा रहा है।
View Articleभारत माता मंदिर : राष्ट्र का अनूठा आराधना स्थल
प्राचीन नगरी काशी मंदिरों का नगर है। यहां की गलियों में असंख्य मंदिर स्थापित हैं। मंदिर ही क्यों, यहां तो मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारे भी अनेक हैं, पर इन पूजा स्थलों की भीड़ से बिलकुल अलग एक निराला...
View Articleधार्मिक स्थल : जानिए मां दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिर
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा सप्तशती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं।
View Articleयम द्वितीया पर ब्रजभूमि आएंगे लाखों श्रद्धालु
दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा में तीर्थयात्रियों को गोवर्धन महाराज की पूजा का अवसर उसी प्रकार मिल जाता है, जिस प्रकार से ब्रजवासियों को द्वापर युग में श्रीकृष्ण के साथ पूजा करने को मिला था। गोवर्धन पूजा...
View Articleवृंदावन के कृष्ण मंदिर से होगा ताज का दीदार
भगवान कृष्ण की लीलाभूमि वृंदावन में उनका एक ऐसा भव्य और गगनचुंबी मंदिर बन रहा है जिसमें 700 फुट की ऊंचाई तक लिफ्ट से पहुंचा जा सकेगा और मंदिर में गोविंद माधव के दर्शन के साथ ही ताजमहल का भी दीदार किया...
View Articleदादा धूनीवाले : भारत के महान संत
दादाजी धूनीवाले की गिनती भारत के महान संतों में की जाती है। दादाजी धूनीवाले का अपने भक्तों के बीच वही स्थान है जैसा कि शिर्डी के सांईबाबा का। उनका समाधि स्थल खंडवा शहर में है।
View Articleत्रिदेव स्वरूप भगवान दत्तात्रेय
इंदौर स्थित भगवान दत्तात्रेय का मंदिर करीब 700 साल पुराना है और कृष्णपुरा की ऐतिहासिक छत्रियों के पास स्थित है। इंदौर होलकर राजवंश की राजधानी रहा है। होलकर राजवंश के संस्थापक सूबेदार मल्हारराव होलकर...
View Articleभारत माता मंदिर : राष्ट्र का अनूठा आराधना स्थल
प्राचीन नगरी काशी मंदिरों का नगर है। यहां की गलियों में असंख्य मंदिर स्थापित हैं। मंदिर ही क्यों, यहां तो मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारे भी अनेक हैं, पर इन पूजा स्थलों की भीड़ से बिलकुल अलग एक निराला...
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